Credit Score

खराब क्रेडिट स्कोर क्या है? खराब क्रेडिट स्कोर कैसे ठीक करें? | Bad Credit Score Kya Hai? Bad Credit Score Kaise Theek Karen?

खराब क्रेडिट स्कोर क्या है? Bad Credit Score Kya Hai? What Is Bad Credit Score, Kharab Credit Score Kya hai, Bad Credit Score Ke Karan, Bad Credit Score Ke Nuksan, Kharab Credit Score Kaise Theek Karen सारी जानकारी इस पोस्ट में दी जा रही है।

Bad Credit Score Kya Hai

वित्तीय लेन देन के मामलों में क्रेडिट स्कोर (Credit Score) एक महत्वपूर्ण कारक है। यह एक तरह से आपका रिपोर्ट कार्ड है, जो आपकी वित्तीय साख और ऋण चुकाने की क्षमता निर्धारित है। क्रेडिट स्कोर का आंकलन कर बैंक या गैर वित्तीय संस्थान भविष्य में आपको लोन या क्रेडिट कार्ड जारी करने के निर्णय पर विचार करता है। 

जब भी बैंक या वित्तीय संस्थान आपको लोन या क्रेडिट कार्ड जारी करता है, तब यह क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करता है, जिसमें आपके लोन अकाउंट की जानकारी, भुगतान की जानकारी, दिवालिया होने की जानकारी आदि रखी जाती है। इस रिपोर्ट में ये जानकारी होती है कि आपने कब कब लोन या क्रेडिट कार्ड लिया है, किस किस बैंक या एनबीएफसी से लोन लिया है, आपने क्रेडिट कार्ड बिल और लोन का समय पर भुगतान किया है या नहीं। इस रिपोर्ट में आपके क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करने वाले बैंक और एनबीएफसी की लिस्ट भी होती है। 

क्रेडिट स्कोर (Credit Score) क्रेडिट रिपोर्ट की क्रेडिट हिस्ट्री या डेटा के आधार पर एक प्रोपराइटरी फॉर्मूला द्वारा कैलकुलेट किया जाता है। अलग अलग क्रेडिट ब्यूरो में क्रेडिट स्कोर गणना करने का फॉर्मूला भिन्न भिन्न हो सकता है, इसलिए अलग अलग क्रेडिट ब्यूरो द्वारा जारी क्रेडिट स्कोर में अंतर देखने को मिलता हैं। क्रेडिट स्कोर वह पात्रता संख्या है, जिसके आधार पर आपकी लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की पात्रता निर्धारित की जाती है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको आसानी से और आकर्षक दर पर लोन मिल जाता है। यदि क्रेडिट स्कोर खराब है, तो लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना बहुत कम हो जाती है। इसलिए अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखना बहुत जरूरी है।

लेकिन कई बार कस्टमर अपना क्रेडिट खराब कर लेते हैं। खराब क्रेडिट स्कोर क्या है? खराब क्रेडिट स्कोर कैसे होता है? खराब क्रेडिट स्कोर के नुकसान क्या हैं? खराब क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारें? पूरी जानकारी इस लेख में दी जा रही है।

Bad Credit Score Kya Hai 

खराब क्रेडिट क्या है? | What Is Bad Credit?

क्रेडिट स्कोर में 300 से 900 के स्केल में अंक दिए जाते हैं। 300 न्यूनतम अंक और 900 अधिकतम अंक होता है। सामान्यतः 750 और उस से अधिक का स्कोर अच्छा बैंक या एनबीएफसी द्वारा एक अच्छा और आदर्श स्कोर माना जाता है, जिसके आधार पर लोन या क्रेडिट कार्ड आसानी से पर हो जाता है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर 500 से कम है, तो इसे खराब स्कोर माना जाता है और इस स्थिति में बैंक या एनबीएफसी आपको लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए पात्र नहीं मानती।

क्रेडिट स्कोर का चार्ट

खराब : 300 – 500

औसत : 500 – 650

अच्छा : 659 – 750

उत्कृष्ट : 750 – 900

यदि आपका क्रेडिट स्कोर 300 से 500 की श्रेणी में है, तो ये खराब क्रेडिट स्कोर है, जिसे सुधारना आवश्यक है। प्रयास ये होना चाहिए कि क्रेडिट स्वर 750 से ऊपर रखा जाए।

खराब क्रेडिट के कारण | Bad Credit Reasons 

कई कारण हैं, जो क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं और खराब क्रेडिट का कारण बनते हैं। क्रेडिट स्कोर कम होने या क्रेडिट स्कोर खराब हो जाने के कारणों को विस्तार पूर्वक नीचे समझाया गया है।

1. समय पर बिलों का भुगतान न करना

खराब क्रेडिट होने का सबसे प्रमुख कारण है, समय पर बिलों या ईएमआई का भुगतान न किया जाना। बैंक या एनबीएफसी कस्टमर्स को लोन देते समय या क्रेडिट कार्ड जारी करते समय ये अपेक्षा रखते हैं कि लिए गए लोन का भुगतान या क्रेडिट बिल का भुगतान समय पर किया जाए। समय पर बिल या ईएमआई का भुगतान न करने पर क्रेडिट स्कोर नीचे चला जाता है। इसलिए हमेशा ईएमआई का भुगतान समय पर करें और क्रेडिट कार्ड के बिलों का भी पूरा भुगतान समय पर करें। यदि आप पूरा भुगतान न कर न्यूनतम राशि का भुगतान करते हैं, तो ब्याज के रूप में बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता हैं।

2. पुराने क्रेडिट कार्ड बंद करना

अक्सर लोग अपने पुराने क्रेडिट कार्ड्स के बंद कर नया क्रेडिट कार्ड ले लेने की गलती करते हैं। ऐसा करने से आप अपनी वर्षों की अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री और अच्छी रि पेमेंट की स्थिति को खो देते हैं। क्रेडिट कार्ड को लंबे समय तक बनाए रखना फायदेमंद होता है। लंबे समय तक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बैंक की आपके तरफ विश्वसनीयता बढ़ाती है और भविष्य में लोन प्राप्त करने की संभावना को भी। यदि क्रेडिट कार्ड का वार्षिक शुल्क भुगतान कर अपने पैसे नहीं गंवा रहे, तो क्रेडिट कार्ड एक्टिव रखें।

3. मल्टीपल क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन करना

मल्टीपल क्रेडिट कार्ड्स या लोन के लिए एक ही समय में आवेदन करना कहीं न कहीं आपकी विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है और बैंक आपके आवेदन की कड़ी जांच कर सकता है, जो कई बार आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए एक समय में ज्यादा क्रेडिट कार्ड और लोन के लिए अप्लाई न करें।

4. अपनी क्रेडिट कार्ड रिपोर्ट की समीक्षा न करना

अपने क्रेडिट रिपोर्ट का समय समय पर आंकलन करते रहना चाहिए। यह आपकी पर्सनल डिटेल्स, क्रेडिट ट्रांजेक्शन, क्रेडिट हिस्ट्री और रि पेमेंट हिस्ट्री का रिकार्ड है। आरबीआई ने क्रेडिट ब्यूरो के लिए वर्ष 2017 से वित्तीय वर्ष की क्रेडिट रिपोर्ट सभी कस्टमर्स को उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया है। अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को चेक जरूर करना चाहिए और गलती हो, तो उसका सुधार करवाना चाहिए। कई बार क्रेडिट रिपोर्ट की गलती क्रेडिट स्कोर को खराब कर सकती है।

5. कई अन सिक्योर्ड लोन का होना

हमेशा सिक्योर्ड और अन सिक्योर्ड लोन का एक अच्छा संतुलन बनाए रखना चाहिए। यदि आपके खाते में अन सिक्योर्ड लोन अधिक हैं, तो ये आपकी साख को प्रभावित करते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर नीचे ले जा सकते हैं।

6. अपना क्रेडिट स्कोर चेक न करना

हमेशा अपने क्रेडिट स्कोर को चेक करने की आदत डाल लेनी चाहिए, ताकि क्रेडिट स्कोर का अंदाजा रहे। यदि क्रेडिट स्कोर नीचे जा रहा हो, तो उसके सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए।

7. एनओसी प्राप्त न करना

लोन का भुगतान करने के बाद बैंक या एनबीएफसी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC – No Objection Certificate) जरूर प्राप्त करना चाहिए। एनओसी ये प्रमाणित करता है कि आपके लिए गए लोन का भुगतान कर दिया है। इस तरह यह किसी भी तरह की वैधानिक विवाद और मसलों में एक तरह से सहायक दस्तावेज है, जो आपका पक्ष प्रमाणित करता है। एनओसी प्राप्त न कर पाना क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है।

8. बंद करने के बजाय निपटान का विकल्प

यदि आप कर्ज की माफ़ी करवाते हैं, तो संबंधित क्रेडिट ब्यूरो को सूचित कर अपना ऋण खाता बंद करवा लेना चाहिए। यदि आप लोन खाता बंद करवाने के स्थान पर लोन ‘सेटल्ड’ करवाते हैं, तो इसकी प्रविष्ठि क्रेडिट हिस्ट्री में कुछ समय तक रहती गई, जिसे खराब क्रेडिट व्यवहार माना जाता है और क्रेडिट ब्यूरो क्रेडिट स्कोर को 75 से 100 अंक तक नीचे कर देती है। इसलिए लोन सेटलमेंट के ऑप्शन को चुनने के बजाय लोन खाते को बंद करवा देना चाहिए। 

पढ़ें : बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा क्या है?

खराब क्रेडिट स्कोर के नुकसान | Disadvantages Of Bad Credit Score 

खराब क्रेडिट स्कोर के कई नुकसान हैं, कैसे लोन न मिलना, क्रेडिट कार्ड न मिलना, क्रेडिट पर रिवार्ड न मिलने। क्रेडिट स्कोर खराब होने पर क्या नुकसान होंगे, इसका विवरण नीचे विस्तार से दिया जा रहा है :

1. लोन प्राप्त होने में परेशानी

लोन आवेदन प्राप्त होने पर बैंक या फाइनेंस कंपनी कस्टमर का सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर चेक करती है। यदि कस्टमर का क्रेडिट स्कोर खराब है, तो ऐसे कस्टमर का लोन बैंक या फाइनेंस कंपनी अप्रूव नहीं करती। इस प्रकार अन सिक्योर्ड लोन लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में सिक्योर्ड लोन के लिए अप्लाई करना पड़ता है, जिसके लिए संपत्ति या अन्य वस्तु बैंक या वित्तीय कंपनी में गिरवी रखनी पड़ सकती है।

2. उच्च ब्याज दर पर लोन

बैंक या फाइनेंस कंपनी लोन पर ब्याज दर निर्धारित करते समय भी क्रेडिट स्कोर का ध्यान रखती हैं। सामान्यत: तो खराब क्रेडिट वाले कस्टमर को लोन मिलता ही नहीं। मिल भी जाए, तो काफ़ी अधिक ब्याज दर पर लोन मिलता है, क्योंकि बैंक की नज़र में खराब क्रेडिट वाले कस्टमर का लोन भुगतान का रिस्क फैक्टर ज्यादा होता है। इस प्रकार खराब क्रेडिट स्कोर होने पर कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त करना लगभग नामुमकिन होता है।

3. अधिक प्रोसेसिंग फीस

खराब क्रेडिट स्कोर होने पर बैंक या फाइनेंस कंपनी द्वारा लोन देते समय अधिक प्रोसेसिंग फीस वसूल की जाती हैं, क्योंकि ऐसे कस्टमर का रिस्क फैक्टर अधिक होता है। बैंक लोन देते समय कुछ कस्टमर्स को प्रोसेसिंग फीस से छूट की सुविधा भी देता है, लेकिन खराब क्रेडिट स्कोर के कस्टमर्स को नहीं प्रोसेसिंग फीस में छूट की सुविधा भी नहीं मिलती। इस तरह से खराब क्रेडिट स्कोर होने पर अधिक प्रोसेसिंग फीस भरना पड़ता हैं 

4. बड़ी लोन राशि मिलना मुश्किल

खराब क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को लोन देने में अधिक रिस्क इन्वॉल्व होता है। इसलिए बैंक लोन देते समय बड़ी राशि अप्रूव नहीं करता। खराब क्रेडिट स्कोर से छोटी राशि तो मिल जाती है, लेकिन अधिक बड़ी लोन राशि मिलना संभव नहीं होता, क्योंकि के सामने कस्टमर द्वारा रि पेमेंट न किए जाने का जोखिम रहता है।

5. लंबी अवधि के लिए लोन न मिलना

खराब क्रेडिट इसको वाले ग्राहकों को बैंक लंबे समय के लिए लोन प्रदान नहीं करती। इस कस्टमर का लोन रि पेमेंट रिकार्ड अच्छा नहीं होता, इसलिए बैंक और फाइनेंस कंपनी इन्हें लंबे समय के लिए लोन देना नहीं चाहती। छोटी अवधि का लोन लेने पर ईएमआई के रूप में अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है, जो एक तरह से पैसों की तंगी के समय मासिक बजट बिगाड़ देता है।

6. एक से अधिक लोन प्राप्त करने में कठिनाई

खराब क्रेडिट स्कोर होने पर लोन मिलना ही बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में यदि आपको एक समय में मल्टीपल लोन की ज़रूरत है, तो वह नामुमकिन है। खराब क्रेडिट स्कोर का अर्थ है कि आप समय पर लोन का रिपेमेंट नहीं करते। ऐसे कस्टमर्स के साथ बैंक ज्यादा डील करके अपना पैसा फंसाना नहीं चाहते।

7. अन सिक्योर्ड लोन प्राप्त होना मुश्किल

हाई सिबिल स्कोर वाले ग्राहकों को आसानी से अधिक राशि कम ब्याज दर पर अन सिक्योर्ड लोन के तौर पर मिल जाती है। लेकिन ऐसे ग्राहक, जिनका खराब क्रेडिट स्कोर है, उन्हें अन सिक्योर्ड लोन देने में बैंक आनाकानी करता है, क्योंकि उनके साथ री पेमेंट रिस्क जुड़ा हैं। और इस स्थिति में अन सिक्योर्ड लोन का आवेदन बैंक रिजेक्ट कर देता हैं।

8. क्रेडिट कार्ड प्राप्त होने में समस्या

खराब क्रेडिट होने पर बैंक या वित्तीय कंपनी से क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो जाता है। कई बार बैंक द्वारा सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है, जिसमें आपसे सिक्योरिटी राशि ली जाती है, ताकि आपके द्वारा क्रेडिट कार्ड से निकाली गई राशि का भुगतान न किए जाने पर नुकसान की भरपाई की जा सके।

9. क्रेडिट रिवार्ड न मिलना 

खराब क्रेडिट स्कोर होने पर क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले ऑफर प्राइस, इंटेंसिव और रिवार्ड्स कस्टमर को नहीं दिए। इस तरह रिवार्ड्स के मामले में आप नुकसान में रहते हैं।

पढ़ें : टर्म लोन क्या होता है?

खराब क्रेडिट स्कोर कैसे ठीक करें? | How To Fix Bad Credit Score 

यदि आपका क्रेडिट स्कोर खराब है, तो उसका सुधार आवश्यक है, ताकि आप bad credit score से वित्तीय मामलों में होने वाले नुकसान से बचे रहें। खराब क्रेडिट स्कोर निम्न तरीकों से सुधारा जा सकता है :

1. लोन का भुगतान समय पर करें

समय पर लोन की ईएमआई न भरना क्रेडिट स्कोर खराब होने का एक प्रमुख कारण है। ईएमआई समय पर जमा न करने से ब्याज और पेनाल्टी तो लगती हो है, क्रेडिट स्कोर भी खराब होता है। इसलिए जब भी लोन लें, इस बात का खयाल रखें कि लोन की ईएमआई समय से भरी जाए।

2. अच्छे क्रेडिट बैलेंस को बनाए रखने की कोशिश करें

जब भी बैंक या फाइनेंस कंपनी से क्रेडिट कार्ड या लोन लें, तो सिक्योर्ड और अन सिक्योर्ड लोन का अच्छा तालमेल बनाकर रखें। जिन कस्टमर्स ने सिक्योर्ड लोन अधिक लिए हुए हैं, बैंक के सामने उनकी साख अच्छी होती है और क्रेडिट ब्यूरो द्वारा उन्हें अच्छी क्रेडिट रेटिंग प्राप्त होती हैं। लेकिन अधिक अन सिक्योर्ड लोन होने की स्थिति में इसके बिल्कुल उलट होती है। लोन देने के मामले में बैंक ऐसे कस्टमर्स पर भरोसा नहीं करती और उनकी क्रेडिट रेटिंग भी डाउन होती है। इसलिए यदि अधिक अपने अधिक अन सिक्योर्ड लोन लिए हैं, तो उनका पहले भुगतान करें। साथ ही सिक्योर्ड और अन सिक्योर्ड लोन का अच्छा तालमेल बनाकर रखें।

3. क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का समय पर भुगतान करें

क्रेडिट कार्ड से खर्च की गई राशि पर नियत तिथि के पूर्व भुगतान करना आवश्यक है। क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का समय पर भुगतान क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में सहायक है। इसलिए प्रयास करें कि क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का समय पर भुगतान कर दें और पूरी राशि का भुगतान करने की कोशिश करें।

4. एक समय में एक से अधिक लोन लेने से बचें

एक समय में एक से अधिक लोन लेने से यह प्रतीत होता है कि आपके पास लोन चुकाने के लिए पैसों की कमी है। यह आपकी साख कम करता है और क्रेडिट रेटिंग को भी कम करता है। अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखने के लिए हमेशा एक समय में एक ही लोन लें और उसका भुगतान करने के बाद ही दूसरा लोन लें।

5. अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का सही तरीके से इस्तेमाल करें

अपने क्रेडिट कार्ड के खर्चों को एक सीमा से अधिक खर्च न करें। कभी अपनी पूरी क्रेडिट कार्ड लिमिट खर्च न करें। प्रयास ये करें कि क्रेडिट कार्ड लिमिट की 30% राशि ही खर्च की जाए। ज्यादा क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल करना या क्रेडिट लिमिट पूरा खर्च कर देता यह दर्शाता है कि आप अपने पैसों को सोच विचार कर सही तरीके से खर्च नहीं करते। ऐसे में क्रेडिट स्कोर कम होने की संभावना रहती है।

6. ज्वाइंट अकाउंट होल्डर या लोन गारंटर बनने से बचें

किसी भी पार्टी के साथ ज्वाइंट अकाउंट होल्डर या लोन गारंटर बनने से बचना चाहिए, क्योंकि कई बाद इस स्थिति में दूसरी पार्टी का क्रेडिट स्कोर आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित कर सकता है। 

7. लंबी अवधि के लिए लोन लें

जब भी लोन लें, तो लंबी अवधि के लिए लें। लंबी अवधि में आपको छोटी राशि ईएमआई के रूप में चुकानी पड़ेगी। इससे आप अपना मासिक बजट बिना बिगाड़े ईएमआई आसानी से चुका पाएंगे और आपका लोन डिफॉल्ट नहीं होगा। और आपका क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा।

8. क्रेडिट रिपोर्ट का आंकलन करते रहें

अपने क्रेडिट रिपोर्ट का आंकलन समय-समय पर करते रहना चाहिए, जिससे आप उसकी वास्तविक स्थिति से अवगत रहें और कोई कमियां होने पर उसमें सुधार कर सकें। यह आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

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