Mudra Loan Details In Hindi

मुद्रा लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा? | Mudra Loan Nahin Chukane Par Kya Hoga?

इस पोस्ट में पढ़िए – मुद्रा लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा? (Mudra Loan Nahin Chukane Par Kya Hoga?) मुद्रा लोन नहीं चुकाया तो क्या होगा? (What If I Default In Repaying Mudra Loan?)  उसके परिणाम (Mudra Loan Default Consequences In Hindi) विस्तार से इस पोस्ट में दिए जा रहे हैं।

Mudra Loan Nahin Chukane Par Kya Hoga

8 अप्रैल, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किए गए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत ₹50 हजार से लेकर ₹10 लाख तक का मुद्रा ऋण (Mudra Loan) ग्रामीण, शहरी और महानगरी क्षेत्रों में गैर कॉरपोरेट और गैर कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को व्यवसाय प्रारंभ और विस्तार के लिए प्रदान किया जाता हुए। 

अपने व्यवसाय की शुरुवात कर रहे या विस्तार कर रहे व्यवसायियों के लिए सरकार की तरफ से ये एक बड़ी पूंजीगत सहायता है, बिना किसी सिक्योरिटी के प्रदान की जाती है अर्थात् मुद्रा लोन के लिए आपको किसी प्रकार के कॉलेटरल या सिक्योरिटी राशि जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती।

इस स्थिति में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मुद्रा लोन लेने वाले व्यक्तियों के दिमाग में यह प्रश्न जरूर आता होगा कि मुद्रा लोन नहीं चुकाया, तो क्या होगा? क्या बैंक द्वारा उस पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हां, तो वह कार्यवाही क्या होगी? इन सभी प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट में दिए जा रहे हैं। 

Mudra Loan Nahin Chukane Par Kya Hoga

मुद्रा लोन नहीं चुकाया, तो क्या होगा? | Mudra Loan Default Consequences In Hindi 

मुद्रा लोन बैंकों, एनबीएफसी या अन्य वित्तीय संस्थान के माध्यम से प्रदान किया जाता है। लोन जारी होने के बाद निश्चित पुनर्भुगतान अवधि में मासिक किश्त द्वारा लोन का भुगतान करना पड़ता है। यह पुनर्भुगतान अवधि शिशु मुद्रा लोन के लिए 36 माह, किशोर और तरुण मुद्रा लोन के लिए 60 माह होती है।

यदि आपने मुद्रा लोन की ईएमआई नहीं दी और लोन डिफॉल्ट किया, तो बैंक द्वारा लोन वसूली की कार्यवाही की जायेगी। बैंक द्वारा की जाने वाली कार्यवाही का विवरण इस प्रकार है। 

बैंक द्वारा मुद्रा लोन की बकाया वसूली की कार्यवाही

1. लोन ईएमआई नहीं भरने पर बैंक एसएमएस और कॉल द्वारा आपको सूचित करेगा और ईएमआई जमा करने को कहेगा। आप ईएमआई का भुगतान ब्याज और पेनल्टी सहित कर देते हैं, तो आगे कोई कार्यवाही नहीं की जाती।

2. यदि आपने बैंक द्वारा कॉल और एसएमएस द्वारा सूचित किये जाने के बाद भी ईएमआई का भुगतान नहीं किया, तो बैंक द्वारा वसूली की कार्यवाही शुरू की जायेगी। आपको बैंक द्वारा लिखित नोटिस जारी की जायेगी, जिसमें आपको लोन और ब्याज चुकाने के लिए एक तिथि दी जायेगी। नोटिस में स्पष्ट लिखा होता है कि निर्धरित तिथि को लोन न चुकाने पर आप पर आगे क्या कार्यवाही हो सकती है। बैंक द्वारा प्रदान की गई तिथि में ब्याज सहित लोन चुका देने पर वसूली की कार्यवाही समाप्त कर दी जायेगी।

3. यदि बैंक की लिखित नोटिस मिलने के बाद भी आपके द्वारा लोन का भुगतान नहीं किया गया, तब भी बैंक आपको कम से कम 3 बार तक नोटिस भेजेगी। इस प्रकार आपको बैंक द्वारा पर्याप्त अवसर प्रदान किया जायेगा कि आप लोन का भुगतान कर दें। 

4. बार बार बैंक की लोन भुगतान के लिए नोटिस जाने के बाद भी यदि आप लोन का भुगतान नहीं करते, तो बैंक आपकी चल/अचल संपत्ति कुर्क कर नीलामी द्वारा बकाया राशि वसूलने की कार्यवाही शुरू करेगा।

चल संपत्ति कुर्की : पहले बैंक आपकी चल संपत्ति की कुर्की के लिए कुर्की अधिपत्र जारी करेगा और एक निश्चित तिथि के भीतर लोन का भुगतान करने का समय देगा, जिसके भीतर बकाया जमा न करने पर आपकी साइकिल, बाइक जैसी चल संपत्ति जब्त कर लेने का उल्लेख होगा। बकाया राशि निश्चित तिथि के भीतर जमा कर देने पर कार्यवाही समाप्त हो जायेगी। लेकिन यदि बकाया राशि जमा नहीं की जाती, तो आपकी चल संपत्ति बैंक द्वारा कुर्क कर ली जायेगी और उसे नीलाम कर बकाया की वसूली की जाएगी।

अचल संपत्ति कुर्की : चल संपत्ति की कुर्की से बकाया की पूर्ण वसूली न होने पर या बकाएदार के पास कोई चल संपत्ति न होने पर उसे अचल संपत्ति कुर्की अधिपत्र जारी किया जायेगा और एक निश्चित तिथि के पूर्व बकाया जमा करने का अवसर दिया जायेगा। निश्चित तिथि के पूर्व बकाया राशि जमा कर देने पर कार्यवाही समाप्त कर दी जायेगा। अन्यथा अचल संपत्ति जैसे जमीन, घर, फैक्ट्री, दुकान आदि कुर्क कर नीलामी द्वारा बकाया वसूली की कार्यवाही शुरू की जायेगी।

  • अचल संपत्ति की नीलामी के लिए बकाएदार को अलग से नोटिस जारी की जायेगी, जिसमें नीलाम की जाने वाली संपत्ति का विवरण, संपत्ति की कीमत और नीलामी की तिथि दर्ज होगी। नीलामी की तिथि के पूर्व नीलामी की नोटिस बैंक कार्यालय, विभिन्न सरकारी कार्यालय और शहर के विभिन्न स्थानों पर चस्पा करवाई जायेगी। नीलामी के बारे में अखबारों में विज्ञापन द्वारा प्रचार प्रसार किया जाएगा, तक अधिक से अधिक लोन नीलामी में उपस्थित हो सके। मुनादी की प्रक्रिया भी की जायेगी। यदि बकाएदार नीलामी तिथि के पूर्व बकाया राशि जमा कर देता है, तो नीलामी की कार्यवाही समाप्त कर दी जायेगी, अन्यथा बोली लगवाकर उच्चतम बोली लगाने वाले व्यक्ति को कुर्क संपत्ति विक्रय कर प्राप्त राशि से बकाया की वसूली पूर्ण की जायेगी।
  • बकाएदार के नाम की अचल संपत्ति न होने पाए उसकी पैतृक संपत्ति कुर्क कर नीलाम की जा सकती है।

इस प्रकार मुद्रा लोन का भुगतान न करने पर बैंक द्वारा लोन बकाया वसूली के लिए कड़े कदम उठाए जाते हैं। अतः लोन की ईएमआई का भुगतान समय पर करें।

आशा है आपको Mudra Loan Nahin Chukane Par Kya Hoga जानकारी उपयोगी लगी होगी। Mudra Loan व अन्य Loan तथा Finance के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट को subscribe करना न भूलें।

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